महाराजा सूरजमल बलिदान दिवस: बेरी में होगा वीरता और न्याय के प्रतीक को समर्पित एक भव्य आयोजन

महाराजा सूरजमल बलिदान दिवस का आयोजन 24 दिसंबर 2024 को बेरी के खेल स्टेडियम में किया जाएगा। इस कार्यक्रम में महाराजा सूरजमल की वीरता, न्यायप्रियता और कुशल प्रशासन को याद किया जाएगा।

December 21, 2024 - 19:30
December 21, 2024 - 19:30
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महाराजा सूरजमल बलिदान दिवस:  बेरी में होगा वीरता और न्याय के प्रतीक को समर्पित एक भव्य आयोजन
Maharaja Surajmal Vichar Manch

भरतपुर के संस्थापक और महान शासक महाराजा सूरजमल के बलिदान दिवस 25 दिसंबर की स्मृति में महाराजा सूरजमल बलिदान दिवस का आयोजन 24 दिसंबर 2024 को बेरी के खेल स्टेडियम में महाराजा सूरजमल विचार मंच के द्वारा किया जा रहा है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य उनकी वीरता, कुशल प्रशासन और देशभक्ति को जन-जन तक पहुंचाना है।  

महाराजा सूरजमल: वीरता और कुशलता के प्रतीक

महाराजा सूरजमल का जन्म 1707 में हुआ। वे भारतीयों के गौरव और भरतपुर राज्य के संस्थापक माने जाते हैं। महाराजा सूरजमल ने अपने कुशल नेतृत्व से भरतपुर राज्य को शक्ति, समृद्धि और न्याय का केंद्र बनाया। उन्होंने ही लोहागढ़ किले का निर्माण करवाया जिसे भारत का सबसे सुरक्षित किला माना जाता है क्योंकि आज तक किसी युद्ध में इसे भेदा नहीं जा सका। इस किले की निर्माण कला और अभेद्यता आज भी इतिहासकारों को प्रेरित करती है।  

1753 में महाराजा सूरजमल ने दिल्ली पर विजय प्राप्त कर अपनी रणनीतिक कुशलता और साहस का परिचय दिया। वे केवल एक योद्धा ही नहीं, बल्कि एक न्यायप्रिय और लोकहितैषी शासक भी थे। उन्होंने किसानों के लिए कर-प्रणाली में सुधार किया, सिंचाई के लिए नहरों का निर्माण कराया, और राज्य में समृद्धि लाई। उनके सम्मान में लोग उन्हें हिन्दू हृदय सम्राट महाराजा सूरजमल भी कहकर बुलाते हैं। 

कार्यक्रम की मुख्य विशेषताएं

इस वर्ष के महाराजा सूरजमल बलिदान दिवस में कई प्रतिष्ठित हस्तियां शामिल होंगी।  

- कार्यक्रम अध्यक्ष: श्री श्री 1008 कृष्णानंद परमहंस (कालिदास जी महाराज)  

- मुख्य अतिथि: लेफ्टिनेंट जनरल नरेंद्र सिंह कादयान  

- मुख्य वक्ता: माननीय इन्द्रेश जी (अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल सदस्य, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ)  

- प्रस्तुति: महावीर गुड्डू (प्रसिद्ध लोक कलाकार)  

कार्यक्रम का आयोजन सुरजमल विचार मंच द्वारा बेरी में किया जा रहा है। यह आयोजन सुबह 11 बजे से शुरू होगा। इस दौरान महाराजा सूरजमल के जीवन और उनके आदर्शों पर आधारित प्रेरणादायक वक्तव्य, सांस्कृतिक प्रस्तुतियां और पुष्पांजलि अर्पण समारोह होगा।  

संदेश और प्रेरणा

महाराजा सूरजमल का जीवन हमें यह सिखाता है कि कैसे एक कुशल नेतृत्व और लोकहित के प्रति समर्पण से समाज को समृद्ध और सशक्त बनाया जा सकता है। उनका बलिदान हमें अपने राष्ट्र के प्रति प्रेम और समर्पण की भावना को मजबूत करने के लिए प्रेरित करता है।

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