किसान महापंचायत को मिली मायावती की प्रशंसा,कहा हिंदू- मुस्लिम सद्भाव के द्वारा मिटेंगे 2013 के दंगों के घाव
सोमवार को बहुजन समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो मायावती ने किसान महापंचायत के दौरान हिंदू- मुस्लिम के द्वारा सांप्रदायिक सद्भाव की भावना लाने के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह प्रयास निश्चित रूप से 2013 में हुए हिंदू मुस्लिम के दंगों के घाव को भरने में मदद करेगा।
सोमवार को बहुजन समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो मायावती ने किसान महापंचायत के दौरान हिंदू- मुस्लिम के द्वारा सांप्रदायिक सद्भाव की भावना लाने के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह प्रयास निश्चित रूप से 2013 में हुए हिंदू मुस्लिम के दंगों के घाव को भरने में मदद करेगा।
सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट करते हुए कहा, ”उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में कल हुई किसानों की जबरदस्त महापंचायत में हिन्दू-मुस्लिम साम्प्रदायिक सौहार्द के लिए भी प्रयास अति-सराहनीय हैं। इससे निश्चय ही सन 2013 में सपा सरकार में हुए भीषण दंगों के गहरे जख्मों को भरने में थोड़ी मदद मिलेगी किन्तु यह बहुतों को असहज भी करेगा।“
बसपा नेता ने कहा, ‘किसान भारत देश की शान हैं तथा हिन्दू-मुस्लिम भाईचारा के लिए मंच से साम्प्रदायिक सौहार्द के लिए लगाए गए नारों से भाजपा की नफरत से बोयी हुई उनकी राजनीतिक जमीन खिसकती हुई दिखने लगी है तथा मुजफ्फरनगर ने कांग्रेस व सपा के दंगा-युक्त शासन की भी याद लोगों के मन में ताजा कर दी है।‘’
आपको बता दें कि 27 अगस्त 2013 में मुज़फ़्फ़र नगर जिले के कवाल गाँव में हिन्दू -मुस्लिम हिंसा के कारण यह दंगा शुरू हुआ जिसमें 46 लोगों की जान गई थी तथा 93 हताहत हुए थे। 17 सितम्बर को दंगा प्रभावित हर स्थानों से कर्फ्यु हटा लिया गया था और सेना वापस बुला ली गयी थी एवं दंगों को खत्म कर दिया गया था। अतः इस प्रकार मुजफ्फरपुर में हुए दंगों को भारत में एक दशक में सबसे भीषण दंगों के रूप में देखा जाता है।
केंद्र सरकार द्वारा तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले नौ माह से चल रहे आंदोलन कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा रविवार को मुजफ्फरनगर में किसान महापंचायत का आयोजन किया था, जिसमें 27 सितंबर को “भारत बंद” का ऐलान किया गया है।