NDMC Ban Polythene: दिल्ली में लगने वाला है प्लास्टिक कैरी बैग पर प्रतिबंध, समुद्र के 80% प्रदूषित होने का कारण बनीं 1,656 नदियां

नई दिल्ली नगर परिषद ने बीते बुधवार को अपने एरिया में 75 माइक्रोन से कम के प्लास्टिक कैरी बैग के इस्तेमाल पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है। तो वहीं हर साल पूरे विश्व में 300 मिलियन से भी अधिक प्लास्टिक इस्तेमाल किया जाता हैं, जिसमें से सिर्फ 10% से 13% तक ही प्लास्टिक थैलियाँ रिसाइकिल हो पाती हैं बाकी बची प्लास्टिक की थैलियाँ समुद्र में जाकर मिल जाती हैं।

March 5, 2022 - 16:45
March 5, 2022 - 17:04
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NDMC Ban Polythene: दिल्ली में लगने वाला है प्लास्टिक कैरी बैग पर प्रतिबंध, समुद्र के 80% प्रदूषित होने का कारण बनीं 1,656 नदियां
प्लास्टिक कैरी बैग पर प्रतिबंध- फोटो: Unsplash

नई दिल्ली नगर परिषद (NDMC) ने बीते बुधवार को अपने एरिया में 75 माइक्रोन से कम के प्लास्टिक कैरी बैग के इस्तेमाल पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है। यदि कोई व्यक्ति इसका उल्लंघन करते पकड़ा जाता है तो उस पर 5,000 रुपये का जुर्माना लगाने का प्रावधान किया। दिल्ली एक अधिकारी का कहना है कि एनडीएमसी ने एक जुलाई 2022 से 100 माइक्रोन से पतले पॉलीस्टायरीन (प्लास्टिक का ही एक रूप है जिसे किसी भी रंग में बना सकते है) सामग्री सहित रिसाइकल कैरी बैग और अन्य प्लास्टिक वस्तुओं के इस्तेमाल‌ करने, इनको बनाने और बेचने पर भी पूर्ण प्रतिबंध लगाने की योजना बनाई गई है। 

आप के घरों में रखे प्लास्टिक कैरी बैग पर प्रतिबंध

नई दिल्ली नगरपालिका परिषद ने एनडीएमसी अधिनियम 1994 की धारा 12 की उप-धारा के अन्तर्गत अपनी शक्तियों का उपयोग करते हुए हाल ही में 75 माइक्रोन से कम के प्लास्टिक कैरी बैग के उपयोग करने, बेचने, और जमा करने पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। इसके अलावा 1 जुलाई, 2022 से सिंगल यूज प्लास्टिक का बनाने, उसके स्टोरेज, बिक्री करने और डिस्ट्रीब्यूशन पर भी प्रतिबंध लगा दिया जाएगा।

1 जुलाई से लगेगा प्लास्टिक बैग पर पुर्ण प्रतिबंध

एनडीएमसी (NDMC) के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि, नई दिल्ली नगर परिषद ने एनडीएमसी अधिनियम, 1994 की धारा 12 की उप-धारा के जरिए अपनी शक्तियों का उपयोग करते हुए, 75 माइक्रोन से कम के प्लास्टिक कैरी बैग के उपयोग करने, खरीदने, बेचने और गोदामों में जमा करने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। एनडीएमसी अपने क्षेत्रों को प्लास्टिक से मुक्त बनाने के लिए क्रमबद्ध तरीकों से योजना बनाते हुए, नागरिक निकाय ने 1 जुलाई से सजावटी पॉलीस्टाइनिन और प्लास्टिक की वस्तुओं पर पूरी तरह से प्रतिबंधित करने का निर्णय लिया है।

पकड़े जाने पर लग सकता है 5000 रुपये का जुर्माना

एनडीएमसी द्वारा लागू किए गए आदेश का पालन न करने पर पकड़े गए व्यक्तियों को 5,000 रुपये प्रति डिफॉल्ट के पर्यावरणीय मुआवजे पर जुर्माना देना होगा। एनडीएमसी के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार पर्यावरण, जंगल (वन) और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा अधिसूचित प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2021 के मुताबिक इस संबंध में एनडीएमसी ने एक सार्वजनिक नोटिस जारी किया है। इसके अलावा एनडीएमसी ने 31 दिसंबर, 2022 से 120 माइक्रोन से कम के प्लास्टिक कैरी बैग के इस्तेमाल करने, खरीदने, स्टॉकिंग और वितरण पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाने की भी घोषणा कर चुकी है।

किन-किन चीजों पर लगेगा प्रतिबंध

नई दिल्ली नगर परिषद ने अपने इलाके में सिंगल यूज प्लास्टिक वाली चीजें जैसे- प्लास्टिक स्टिक के साथ ईयर बड्स, गुब्बारों, स्टिक प्लास्टिक वाले झंडे, कैंडी की छड़ें, आइसक्रीम की छड़ें, सजावट में इस्तेमाल होने वाले पॉलीस्टाइनिन, प्लेट, कप, गिलास, कटलरी जैसे कांटे, चम्मच, चाकू, पुआल, स्टिरर, ट्रे जैसे प्लास्टिक से बने सामान का उपयोग कम करने के लिए भी कहा है। वहीं 100 माइक्रोन से भी कम के मीठाई के डब्बे, निमंत्रण कार्ड, सिगरेट के पैकेट, प्लास्टिक या पीवीसी बैनर के चारों ओर फिल्मों को लपेटना या पैक करने पर भी बैन लग गया है, अतः इन सब चीजों का इस्तेमाल करना बंद या कम कर दें।

सिंगल यूज प्लास्टिक आखिर होता क्या हैं ?

सिंगल यूज प्लास्टिक को हम आसान भाषा में डिस्पोजेबल प्लास्टिक भी कह सकते हैं, अर्थात प्लास्टिक से बने ऐसे चीजों का जिनका हम एक बार इस्तेमाल करने के बाद दोबारा इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं। वे सभी चीजें सिंगल यूज प्लास्टिक वाले उत्पाद होते हैं और इन्हें बनाने में पैसे बहुत कम लगते हैं, इसलिए ये चीजें आज के समय में सबसे ज्यादा उपयोग की जा रही हैं।

73वें स्वतंत्रता दिवस पर हुई थी घोषणा

प्रधानमंत्री मोदी ने भारत को प्लास्टिक प्रदूषण से मुक्त करने की बड़ी घोषणा साल 2019 में 73वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर की थी। प्रधानमंत्री ने देश की आम जनता और विशेषकर दुकानदारों और व्यापारियों से इस दिशा में योगदान देने की अपील की थी। इसके अलावा प्रधानमंत्री ने कहा था कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की जयंती (02 अक्टूबर) के अवसर पर पूरे देश को प्लास्टिक कचरे से मुक्त करने का अभियान शुरू‌ किया जाएगा। इन अभियानों को चरणबद्ध तरीकों से पूरा करते हुए 31 दिसंबर,साल 2022 तक प्लास्टिक और इससे बने सभी चीजों पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लग जाएगा।

एशिया की प्लास्टिक नदियों से बढ़ रहा समुंद्री प्रदूषण स्तर

जनरल साइंस एडवांसेज की एक रिपोर्ट के अनुसार, नदियों और समुंद्री किनारों के जरिए समुद्रों में लगभग 80% प्लास्टिक जमा होता हैं और बाकी 20% प्लास्टिक कचरे में मछली पकड़ने का जाल, जहाज, नाव और रस्सी आदी शामिल होती हैं। 

शोधकर्ताओं के अनुसार, एशिया में दुनिया की 60% आबादी रहती है, जिस वजह से एशिया की नदियों में प्लास्टिक कचरों की मात्रा 80.9% से भी ज्यादा हैं। विशेष रूप से प्लास्टिक कचरे की वज़ह से प्रदूषित नदियों के मामलो में फिलिपींस की नदियां 36%, भारत की नदियां 13%, चीन की  नदियां 7% और मलेशिया की नदियां सबसे ज्यादा प्रदूषित हैं।  वहीं साल 2019 के आंकड़े के मुताबिक, एशिया के बाद अफ्रीका की 7.99%, दक्षिण अमेरिका की 5.51%, उत्तरी अमेरिका की 4.5% और यूरोप की 0.6% नदियों से ज्यादा प्लास्टिक की चीजें समुद्रों में जाती हैं। बता दें कि फिलहाल समुद्र के 80% प्रदूषण होने का कारण 1,656 नदियां हैं। 

प्लास्टिक प्रतिबन्ध पर कुछ रोचक तथ्य

- डाउन टू अर्थ पत्रिका की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत के अन्दर हर साल लगभग 16.5 मिलियन टन प्लास्टिक का इस्तेमाल किया जाता हैं।

- यूरोपीय संघ ने भी भविष्य के एक दो सालों में कुछ प्लास्टिक की चीजों (जैसे- स्ट्रॉस, कांटे, चाकू, कॉटन बड्स आदि) पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने की योजना बनाई हैं।

- आपको जानकर हैरानी होगी कि प्रत्येक साल पूरे विश्व में लगभग 300 मिलियन से भी अधिक प्लास्टिक की थैलियों का इस्तेमाल किया जाता हैं, जिसमें से सिर्फ 10% से 13% तक ही प्लास्टिक थैलियां रिसाइकिल हो पाती हैं बाकी बची हुई प्लास्टिक की थैलियाँ समुद्र में जाकर मिल जाती हैं।