अस्पतालों के झूठे दावों पर NMC नकेल कसने की तैयारी में, जानिए कमिटी के चेयरमैन डॉ. योगेंद्र मलिक ने क्या बताया
एनएमएसी के मीडिया डिविजन प्रमुख और एथिक्स मेडिकल रजिस्ट्रेशन बोर्ड के सदस्य डॉ. योगेंद्र मलिक को इस कमिटी का चेयरमैन बनाया गया है। डॉ. मलिक का इस मामले में कहना है कि हालांकि अस्पताल सीधे तौर पर एनएमसी के दायरे में नहीं आते हैं, लेकिन...
Delhi। स्वास्थ्य क्षेत्र में बढ़ते कॉम्पिटिशन और बाजारीकरण से जुड़ी हुई हाल ही में एनएमसी की तरफ से एक अहम जानकारी सामने आई है। इस जानकारी का संबंध अपनी ब्रैडिंग को लेकर अस्पतालों द्वारा किए जाने वाले बड़े- बड़े दावों ,किसी बीमारी के सफल इलाज के दावों तथा सस्ते इलाज के दावों से है। क्योंकि अक्सर देखा जाता है कि कई कॉरपोरेट अस्पतालों द्वारा ऐसे अनेक विज्ञापन जारी किए जाते हैं। वहीं ऐसे दावों को लेकर शहरों में होर्डिंग्स भी देखने को मिलते रहते हैं।
ऐसे में कई मामलों के सामने आने के बाद नैशनल मेडिकल कमिशन (NMC) अलग-अलग अस्पतालों के दावों से भ्रम की स्थिति का समाधान निकालने के लिए दिशा- निर्देश तय करने की तैयारी में है। वहीं इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दाखिल हुई थी।
वहीं अब एनएमसी ने इस मामले पर 8 सदस्यों की कमिटी का गठन किया गया है। यह कमिटी दो महीनों में रिपोर्ट फाइनल कर सरकार को सौंपेगी। वहीं एनएमएसी के मीडिया डिविजन प्रमुख और एथिक्स मेडिकल रजिस्ट्रेशन बोर्ड के सदस्य डॉ. योगेंद्र मलिक को इस कमिटी का चेयरमैन बनाया गया है। डॉ. मलिक का इस मामले में कहना है कि हालांकि अस्पताल सीधे तौर पर एनएमसी के दायरे में नहीं आते हैं, लेकिन एनएमसी की ओर से इस मुद्दे पर एक कमिटी का गठन किया गया है। अब कमिटी जो भी रिपोर्ट देती है या कमिटी की जो भी सिफारिशें सामने आती है, उसे सरकार को सौंप दिया जाएगा।