National Endangered Species Day 2022: जाने क्या है लुप्तप्राय प्रजाति दिवस, जानिए इसका महत्त्व ?
National Endangered Species: इस दिवस का उद्देश्य है, लुप्तप्राय जीवों को संरक्षित करना और साथ ही साथ इसको लेकर मनुष्यों को जागरूक करना। ऐसा कहा जाता है कि साल 2006 में संयुक्त राष्ट्र संघ ने एक अधिनियम पारित कर लुप्तप्राय प्रजाति दिवस मनाने पर बल दिया था।
राष्ट्रीय लुप्तप्राय प्रजाति दिवस (National Endangered Species), हर साल मई महीने के तीसरे शुक्रवार को मनाया जाता है। इस साल ये 20 मई, 2022 को मनाया जाएगा। विश्व भर में जिस तरह से पिछले कुछ सालों में इंसानों की प्रकृति के साथ छेड़छाड़ बढ़ी है, वैसे ही बहुत सारी प्रजातियां भी तेजी से विलुप्त होने की ओर बढ़ रही हैं। इसलिए इस दिवस का उद्देश्य है, लुप्तप्राय जीवों को संरक्षित करना और साथ ही साथ इसको लेकर मनुष्यों को जागरूक करना। ऐसा कहा जाता है कि साल 2006 में संयुक्त राष्ट्र संघ ने एक अधिनियम पारित कर लुप्तप्राय प्रजाति दिवस मनाने पर बल दिया था।
लुप्तप्राय प्रजाति क्या है?
जीवों की वो प्रजाति जो विलुप्त होने के कगार पर या पर्यावरण असंतुलन की वजह से बहुत ही कम संख्या में रह गए हो। ऐसी प्रजाति को प्रजनन में भी समस्या होती है, क्योंकि बदलते पर्यावरण के परिपेक्ष्य के साथ वो सामंजस्य नहीं बिठा पाते हैं। आज ऐसी बहुत सारे जीव जैसे पहाड़ी गोरिल्ला, विशाल पांडा, एशियाई शेर, जावा गैंडे, इत्यादि।
लुप्तप्राय प्रजाति दिवस का महत्व
लुप्तप्राय प्रजाति दिवस मानव चेतना को जागृति की ओर ले जाने का एक प्रयास है ताकि मानव जनित दुष्कर कार्यों का प्रतिकूल प्रभाव वन्यजीवों पर कम से कम पड़े।वहीं ग्लोबल वार्मिंग, जंगलों के अत्यधिक दोहन और वन्यजीवों के प्राकृतिक प्रजनन क्षेत्रों को नष्ट करने से वन्यजीवों पर पड़े प्रभाव को कम करना भी इस दिवस को मनाए जाने का उद्देश्य है।
लुप्तप्राय प्रजाति के संरक्षण के उपाय
- ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन पर विशेष देना।
- बढ़ते प्रदूषण को मानवीय और प्राकृतिक हित के लिए कम करने पर ध्यान देना।
- वन्यजीवों की तस्करी और शिकार पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाना।
- लुप्तप्राय प्रजातियों के प्रजनन पर ध्यान रखना और उन्हें प्रजनन के लिए उपयुक्त क्षेत्र देना।
- लुप्तप्राय प्रजातियों को उनकी जीवन शैली के अनुरूप आदर्श स्थिति प्रदान करना।