काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का पीएम ने किया लोकार्पण,काशी के महत्त्व में होगी बढ़ोतरी
प्रधानमंत्री मोदी ने 8 मार्च 2019 को काशी विश्वनाथ कॉरिडोर ( गंगा घाट से मंदिर के मुख्य द्वार तक का मार्ग ) परियोजना की नींव रखी थी। लगभग 241 वर्षों के पश्चात विश्वनाथ धाम का जीर्णोद्धार होने जा रहा है।
13 दिसंबर सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसदीय क्षेत्र वाराणसी में काशी विश्वनाथ धाम की परियोजनाओं के उद्घाटन समारोह में उपस्थित हुए । नींव रखे जाने के लगभग 33 महीने के पश्चात 13 दिसंबर 2021 को प्रधानमंत्री ने इस परियोजना का उद्घाटन किया है। बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने 8 मार्च 2019 को काशी विश्वनाथ कॉरिडोर ( गंगा घाट से मंदिर के मुख्य द्वार तक का मार्ग ) परियोजना की नींव रखी थी। लगभग 241 वर्षों के पश्चात विश्वनाथ धाम का जीर्णोद्धार होने जा रहा है।
विश्वनाथ धाम परियोजना के लिए 800 करोड रुपए आवंटित किए गए थे तथा इस परियोजना के तहत 314 सार्वजनिक संपत्तियों को मिलाया गया है। इन सार्वजनिक संपत्तियों के मंदिर क्षेत्र में मिल जाने के पश्चात मंदिर का प्रांगण क्षेत्र 5 लाख वर्ग फुट हो गया है। जबकि मंदिर प्रांगण की क्षमता 50 से 60 हजार हो गई है। इस योजना के तहत आसपास के लुप्त हो चुके 27 मंदिरों को भी पुनः स्थापित किया गया है।
विश्वनाथ मंदिर में चमकेंगे मकराना व चुनार के पत्थर
इस मंदिर के निर्माण में संगमरमर की सबसे उत्कृष्ट श्रेणी माने जाने वाले मकराना (राजस्थान) के संगमरमर और चुनार के लाल बलुआ पत्थरों का भी उपयोग किया गया है। जिससे इस मंदिर की शोभा और अधिक बढ़ गई है। बलुआ पत्थरों का नाम अतीत में प्राचीन भारत के महान शासक अशोक मौर्य के शासन काल से भी जुड़ा हुआ है। क्योंकि अशोक मौर्य ने अपने अधिकांश शिलालेखों के निर्माण हेतु बलुआ पत्थर का उपयोग किया था।
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का सपना हुआ साकार
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने पहली बार काशी आने पर मंदिर के आसपास फैली गंदगी के प्रति अपनी पीड़ा व्यक्त की थी, इस जुलूस द्वार के बाद उनका स्वच्छ काशी विश्वनाथ का सपना भी पुरा हो गया है।
काशी के महत्त्व में होगी बढ़ोतरी:
इस परियोजना के विकास से काशी की प्राचीन सनातन संस्कृति को और अधिक बढ़ावा मिलेगा। वहीं विश्वनाथ धाम का लोकार्पण भारत को एक नई दिशा देने में भूमिका निभाएगा तथा काशी नगर के पर्यटन में भी इज़ाफा होगा। भविष्य में पर्यटन के बढ़ने से यहां की अर्थव्यवस्था में वृद्धि के साथ-साथ यहां के क्षेत्रीय लोगों के बीच सामाजिक समरसता में भी वृद्धि होगी। जो काशी के महत्त्व को बढ़ाने में अपना योगदान सिद्ध करेगी।