दशहरा 2021: राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने किया जम्मू का दौरा, डॉ एपीजे अब्दुल कलाम को दी श्रद्धांजलि

राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने गुरुवार को दशहरे की पूर्व संध्या पर देशवासियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि विजयादशमी बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में मनाई जाती है।

Oct 15, 2021 - 17:23
December 10, 2021 - 10:55
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दशहरा 2021: राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने किया जम्मू का दौरा, डॉ एपीजे अब्दुल कलाम को दी श्रद्धांजलि
Image source: Livemint.com

राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने गुरुवार को दशहरे की पूर्व संध्या पर देशवासियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि विजयादशमी बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में मनाई जाती है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद इस साल लद्दाख के द्रास इलाके में जवानों के साथ दशहरा मनाएंगे। द्रास दुनिया के ठंडे स्थानों में से एक है, जहां तापमान -40 डिग्री से नीचे पहुंच जाता है। राष्ट्रपति को अब उस परंपरा को तोड़ते हुए देखा गया है, जहां वह आमतौर पर दिल्ली में हर साल दशहरा समारोह में शामिल होते थे। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद  दशहरा मनाने जम्मू गए हैं। उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम को उनकी जयंती पर उत्तरी कमान, उधमपुर, जम्मू-कश्मीर में श्रद्धांजलि अर्पित की।
द्रास में सैनिकों के साथ दशहरा मनाने के लिए गुरुवार को केंद्र शासित प्रदेश में पहुंचने पर लद्दाख के उपराज्यपाल आरके माथुर द्वारा राष्ट्रपति का स्वागत किया गया। आज दशहरे के अवसर पर राष्ट्रपति, द्रास स्थित कारगिल युद्ध स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे और अधिकारियों एवं जवानों से बातचीत करेंगे।

सिंधु घाट पर पूजा:

विज्ञप्ति के अनुसार, केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के अपने दौरे के पहले दिन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद लेह के सिंधु घाट पर सिंधु दर्शन और पूजा करेंगे। यह नदी तट अपने सुंदर और प्राकृतिक परिदृश्य के लिए जाना जाता है। यह लेह में शी गांव के पास स्थित है और पृष्ठभूमि में बंजर पहाड़ों के साथ कई सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करता है। बता दें कि द्रास को लद्दाख का प्रवेश द्वार माना जाता है। यह अपने ऊंचाई वाले ट्रेकिंग मार्ग और पर्यटन स्थलों के लिए प्रसिद्ध है।  यहां भारतीय सेना के जवानों को नियंत्रण रेखा (एलओसी) की सुरक्षा के लिए पूरे साल ऊंचाई और ठंडे तापमान का सामना करना पड़ता है।

कारगिल विजय दिवस 2021 पर, राष्ट्रपति ने खराब मौसम के कारण द्रास की अपनी यात्रा रद्द कर दी थी, जहां उन्हें युद्ध स्मारक पर माल्यार्पण करना था। 2019 में भी राष्ट्रपति खराब मौसम के कारण कारगिल विजय दिवस में शामिल होने के लिए द्रास नहीं जा सके थे। इसके बजाय उन्होंने श्रीनगर के बादामीबाग में सेना के 15 कोर मुख्यालय में एक युद्ध स्मारक पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी थी।