कांग्रेस की सदस्यता के लिए जरूरी है शराब से दूरी: राहुल ने पूछा सवाल, तो सिद्धू बोले पंजाब में तो ज्यादातर लोग पीते हैं- जानिए क्या है कांग्रेस में शराब से दूरी का इतिहास

कांग्रेस पार्टी आने वाली 1 नवंबर पर पंजाब में अपना सदस्यता अभियान चालू करने वाली है। उसी को लेकर राहुल गांधी की पंजाब के नेताओं और पार्टी में मेंबरों के साथ एक मीटिंग भी हुई। जिसमें सदस्यता से जुड़े पुराने नियमों पर थोड़ी बहस छिड़ गई।

Oct 27, 2021 - 20:22
December 11, 2021 - 23:45
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कांग्रेस की सदस्यता के लिए जरूरी है शराब से दूरी: राहुल ने पूछा सवाल, तो सिद्धू बोले पंजाब में तो ज्यादातर लोग पीते हैं- जानिए क्या है कांग्रेस में शराब से दूरी का इतिहास
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कांग्रेस पार्टी आने वाली 1 नवंबर पर पंजाब में अपना सदस्यता अभियान चालू करने वाली है। उसी को लेकर राहुल गांधी की पंजाब के नेताओं और पार्टी में मेंबरों के साथ एक मीटिंग भी हुई। जिसमें सदस्यता से जुड़े पुराने नियमों पर थोड़ी बहस छिड़ गई। दरअसल बहस इस नियम पर छिडी कि कांग्रेस की सदस्यता के लिए आज के संदर्भ में शराब छोड़ना कितना तार्किक है। इस पर राहुल गांधी ने मीटिंग में मौजूद पार्टी मेंबरों से पूछा कि यहां बैठा कौन-कौन व्यक्ति शराब पीता है। इस पर पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष सिद्धू ने कहा इस राज्य में तो अधिकांश लोग पीते हैं।

आपको बता दें कि कांग्रेस पार्टी के संविधान के अनुसार किसी भी व्यक्ति को कांग्रेस पार्टी की सदस्यता पाने के लिए यह घोषणा करनी पड़ती थी कि वह शराब या किसी अन्य प्रकार के नशे का सेवन नहीं करता है। इसके साथ ही वह खादी पहनने का आदी है, और अगर नहीं है तो वह खादी से निर्मित वस्तुओं को नियमित रूप से पहनेगा। हालांकि ये नियम काफी पुराने हैं। वहीं राहुल गांधी ने भी माना कि आज के दौर में उनका पालन करना बेहद ही मुश्किल है क्योंकि आज के समय में खादी आम व्यक्ति की पहुंच से बहुत दूर है। यह भी सुनने में आ रहा है कि आने वाले दिनों में इन नियमों में बदलाव किया जा सकता है, या इन्हे हटाया भी जा सकता है।

शराब छोड़ो नियम का इतिहास:

महात्मा गांधी द्वारा उनके  ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के कार्यकाल के समय 1924 में लागू किया गया था। महात्मा गांधी में लिखा है, ‘आप इस तरह के तर्क से धोखा नहीं खाएंगे कि भारत को जबरन सौम्य नहीं बनाया जा सकता. इसलिए जिनको शराब पीनी है उनके लिए व्यवस्था की जाए। ध्यान रखना होगा कि हम चोरों को उनकी चोरी करने की प्रवृत्ति में शामिल होने की सुविधा प्रदान नहीं करते हैं। मैं शराब को चोरी और शायद वेश्यावृत्ति से भी अधिक हानिकारक मानता हूं। क्या यह अक्सर दोनों की वजह नहीं होता?'