एस. सोमनाथ नियुक्त किए गए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो के नए अध्यक्ष
एस सोमनाथ ने एर्नाकुलम के महाराजा विश्वविद्यालय से प्री डिग्री प्रोग्राम पूरा किया, जिसके बाद उन्होंने टीकेएम कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, क्विलोन, केरल विश्वविद्यालय से मैकेनिकल इंजीनियरिंग (बीटेक) में स्नातक की डिग्री प्राप्त की है।
एस सोमनाथ को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (ISRO) का चेयरमैन नियुक्त किया गया है। अंतरिक्ष विभाग के सचिव और अंतरिक्ष आयोग प्रमुख की जिम्मेदारी सौंपी गई है। बता दें कि कार्मिक मंत्रालय ने आदेश में कहा है कि उनकी नियुक्ति तीन साल के लिए की गई है। एस सोमनाथ अंतरिक्ष संगठन के 10वें अध्यक्ष होंगे। वर्तमान में इसरो प्रमुख के. सिवन का कार्यकाल 14 जनवरी को पूरा हो रहा है। बता दें कि एस सोमनाथ, विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र के निदेशक है।
एस सोमनाथ का अंतरिक्ष जगत में योगदान
डॉ. एस सोमनाथ ने भारतीय अन्तरिक्ष जगत में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है , आइए उनके अंतरिक्ष जगत में विशेष योगदान को विस्तार से जानते हैं-
1 जीएसएलवी एमके-3 लॉन्चर टीम का किया नेतृत्व
एस सोमनाथ को रॉकेट इंजिनियरिंग का महारथी कहा जाता है , 2010 से 2014 तक वह जीएसएलवी एमके-3 प्रोजेक्ट के निदेशक थे। सबसे शक्तिशाली स्पेस रॉकेट जीएसएलवी एमके-3 लॉन्चर को डेवलप करने वाले वैज्ञानिकों में ये प्रमुख थे।
2 पीएसएलवी के 11 सफल मिशन में योगदान
साल 1985 एस सोमनाथ विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर से जुड़े। जीएसएलवी के तीन और पीएसएलवी के 11 सफल मिशनों में इनका अहम योगदान रहा, एस सोमनाथ की अंतरिक्ष जगत में शुरुआत पोलर सैटलाइट लॉन्चिंग व्हीकल (पीएसएलवी) सिस्टम को डेवलप करके की , इसमें उनका खास योगदान रहा।
3 एस सोमनाथ ने ही चंद्रयान-2 के लैंडर के इंजन को किया विकसित
एस सोमनाथ ने चंद्रयान-2 के लैंडर के इंजन को विकसित किया था साथ ही जीसैट-9 में इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन सिस्टम की उड़ान को सफल बनाया। सोमनाथ, सेमी-क्रायोजेनिक इंजन प्रोजेक्ट से भी जुड़े रहे हैं। सोमनाथ, लॉन्च व्हीकल के स्ट्रक्चरल सिस्टम का मास्टर माना जाता है। बता दें कि इन्होंने पीएसएलवी के इंटिग्रेशन डिजाइन को भी तैयार किया था।
एस सोमनाथ का प्रारंभिक जीवन एवं शैक्षिक योग्यता
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के अंतरिक्ष विभाग के सचिव एस सोमनाथ केरल के अलाप्पुझा (अलेप्पी) के रहने वाले हैं। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा मलयालम माध्यम में पूरी की थी। यह स्कूली शिक्षा के समय से ही विज्ञान के प्रति उत्साहित थे। एस सोमनाथ ने एर्नाकुलम के महाराजा विश्वविद्यालय से प्री डिग्री प्रोग्राम पूरा किया, जिसके बाद उन्होंने टीकेएम कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, क्विलोन, केरल विश्वविद्यालय से मैकेनिकल इंजीनियरिंग (बीटेक) में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। उसके बाद भारतीय विज्ञान संस्थान, बैंगलोर से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग (एमटेक) में मास्टर डिग्री पूरी की।
वर्तमान अध्यक्ष के. सिवन कौन हैं?
के. सिवन (कैलासवादिवु सिवन) का जन्म भारत के तमिलनाडु राज्य के कन्याकुमारी जिले में नागरकोइल के पास मेला सरक्कलविलाई में हुआ था। वह भारत के एक अन्तरिक्ष वैज्ञानिक हैं और वर्तमान में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के अध्यक्ष हैं, इसके पहले वे विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र तथा द्रव प्रणोदन केन्द्र के निदेशक रह चुके हैं। सिवन, भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए क्रायोजेनिक इंजन के विकास में महत्वपूर्ण योगदान के लिए जाना जाता है। बता दें, कि के. सिवन को 1999 में डॉ. विक्रम साराभाई रिसर्च अवॉर्ड से सम्मानित किया गया , उसके बाद साल 2007 में उन्हें इसरो मेरिट अवॉर्ड से नवाजा गया। साल 2011 में डॉ. बीरेन रॉय स्पेस साइंस अवॉर्ड और अप्रैल 2014 में चेन्नई की सत्यभामा यूनिवर्सिटी से डॉक्टर ऑफ साइंस की उपाधि से इन्हे सम्मानित किया गया। 28 अप्रैल 2019 को पंजाब यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में उपराष्ट्रपति वैंकया नायडु ने उन्हें ‘विज्ञान रत्न’ से सम्मानित किया था। 2019 में तमिलनाडु सरकार ने उन्हें डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था।