भारत सहित वैश्विक बाजारों की हालात खस्ता, निवेशकों के करीब साढ़े चार लाख करोड़ डूबे
बाजार में आई गिरावट से निवेशकों को करीब साढ़े चार लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। अमरीकी नेस्डेक -2.47% ,सिंगापुर(एसजीएक्स) -1.39% सहित तमाम बाजारों में गिरावट दर्ज की गई है।
कोरोना काल में भारत सहित वैश्विक बाजारों का हाल बेहाल हो गया है। नए वेरिएंट ऑमिक्रॉन और विदेशी फंड की बिकवाली की अधिकता से शुक्रवार को बाजार में भारी गिरावट देखने को मिली। आलम ये है कि दोनों बेंचमार्क सेटर्स सेंसेक्स 889.40 अंक से लुढ़ककर 57,011.74 और निफ्टी 263.30 अंक की ढलान के साथ 16985.20 अंक पर बंद हुआ।
बाजार में आई गिरावट से निवेशकों को करीब साढ़े चार लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। अमरीकी नेस्डेक -2.47% ,सिंगापुर(एसजीएक्स) -1.39% सहित तमाम बाजारों में गिरावट दर्ज की गई है। रही बात सेक्टर की तो आईटी के अलावा अन्य लाल निशान के घेरे में है।
आखिर कैसे हुआ बाजार प्रभावित:
बाजार के प्रभावित होने का मुख्य कारण नया वैरिएंट और विदेशी संस्थागत निवेशकों(एफआईआई) की निरंतर बिकवाली को बताया जारहा है। जिससे दोनों बेंचमार्क इंडेक्स नीचे आ गए हैं।
ऑमिक्रॉन भी है एक अहम कारण:
कोरोना के नए वेरिएंट से अर्थव्यवस्था को तो भारी धक्का लगा ही है साथ ही बाजार को भी भारी झटका लगा है। ऑमिक्रॉन के बढ़ते मामलों के बीच दुनिया के प्रमुख देशों के सेंट्रल बैंको की मौद्रिक नीति का कड़ा रुख बाजार के लिए नेगेटिव प्वाइंट साबित हुआ है। जहां निवेशक पैसा लगाने में संकोच कर रहे हैं।
इसके अलावा बिकवाली यानी पूंजी आधारित शेयर बाजार में मुनाफे के लिए शेयर या हिस्सेदारी को बेचना भी बाजार को प्रभावित कर रहा है। विदेशी निवेशक भी फिलहाल बाजार की स्तिथि देखते हुए कम हानि का सौदा करना ही उपयुक्त समझ रहे हैं और ऐसा भारी मात्रा में होना चिंता का विषय है। गौरतलब है कि अक्टूबर से अब तक विदेशी निवेशकों ने 32 हजार करोड़ की बिकवाली की है।