इन गुदड़ी के लालों से हैं पदक की सबसे ज्यादा उम्मीद
दुनिया के सबसे बड़े खेल ‘ओलंपिक’ का आयोजन जापान के टोक्यो में होने जा रहा है। पिछले वर्ष शुरू होने वाले यह ओलंपिक खेल इस वर्ष 23 जुलाई से शुरू होंगे। इस बार भारत की तरफ से तीरंदाजी, कुश्ती, बैडमिंटन, एथलेटिक्स, बॉक्सिंग, शूटिंग समेत कुल 18 खेलों में भारतीय खिलाड़ी अपनी भागीदारी दर्ज करेंगे। भाग लेने वाले खिलाड़ियों में से कुछ ऐसे खिलाड़ी भी हैं जो पदक के सबसे बड़े दावेदार हैं।
इन गुदड़ी के लालों से हैं पदक की सबसे ज्यादा उम्मीद
विश्वव्यापी कोरोना महामारी का कहर पूरे विश्व में छाया हुआ है लेकिन दुनिया ‘शो मस्ट गो ऑन’ के सिद्धांत पर चल रही है। विश्वव्यापी कोरोना महामारी ने भले ही दुनिया भर को कुछ समय के लिए थाम दिया हो लेकिन हमेशा के लिए थाम पाना संभव नहीं है। मनुष्य जाति ने इस महामारी से दोस्ती भले न की हो लेकिन इसके साथ जीना और रहना तो सीख ही लिया है। इसके साथ ही दुनिया के सबसे बड़े खेल ‘ओलंपिक’ का आयोजन जापान के टोक्यो में होने जा रहा है। पिछले वर्ष शुरू होने वाले यह ओलंपिक खेल इस वर्ष 23 जुलाई से शुरू होंगे। इसमें कोई दो राय नहीं हैं कि कोरोना का सबसे ज्यादा खामियाजा भारत के खिलाड़ियों ने भुगता है क्योंकि 2020 में भारत में पूर्ण लॉकडाउन था जबकि दूसरे देशों में काफी गतिविधियां चल रही थीं। कोरोना में भारतीय खिलाड़ी उतना अभ्यास नहीं कर सके जितना ओलंपिक की तैयारियों में अक्सर करना चाहिए। इस बीच भले ही खिलाड़ियों के अभ्यास पर फर्क पड़ा हो लेकिन पदक जीतने के उनके हौंसलों में कोई कमी नहीं आई है। इस बार भारत की तरफ से तीरंदाजी, कुश्ती, बैडमिंटन, एथलेटिक्स, बॉक्सिंग, शूटिंग समेत कुल 18 खेलों में भारतीय खिलाड़ी अपनी भागीदारी दर्ज करेंगे। भाग लेने वाले खिलाड़ियों में से कुछ ऐसे खिलाड़ी भी हैं जो पदक के सबसे बड़े दावेदार हैं। 2016 रियो ओलंपिक में भारत सिर्फ दो ही पदक जीत पाया था जिसमें पीवी सिंधु ने रजत और साक्षी मालिक ने कांस्य पदक जीता था। इस बार भारत की ओर से कई ऐसे खिलाड़ी हैं जो इस पदक संख्या को बढ़ाने की प्रतिभा रखते हैं।
आइए जानते हैं पदकों को जीत सकने वाले सबसे बड़े खिलाड़ियों के बारे में और आखिर क्यों इनसे इतनी उम्मीदें लगाई जा सकती हैं:-
1.दीपिका कुमारी-
इस कड़ी में पहला नाम तीरंदाज दीपिका कुमारी का है। 27 वर्षीय दीपिका ग्वाटेमाला विश्वकप में एक ही दिन में तीन स्वर्ण पदक जीत चुकी हैं। इस साल की शुरूआत से ही वो फॉर्म में हैं। दीपिका 2010 राष्ट्रमंडल खेलों में दो स्वर्ण और एशियाई खेलों में एक कांस्य पदक भी जीत चुकी हैं। दीपिका के लिए यह तीसरा ओलंपिक है। इससे पहले वो 2012 लंदन और 2016 रियो ओलंपिक में भाग ले चुकी हैं। इस समय दीपिका का नाम दुनिया की सर्वश्रेष्ठ तीरंदाजों में शामिल है। दीपिका आठ बार की विश्व विजेता रही हैं। अगर टोक्यो ओलंपिक में उन्हें पदक जीतना है तो उन्हें शुरू से ही शीर्ष पर बना रहना होगा। दीपिका को दक्षिण कोरिया और मेक्सिको से कड़ी चुनौती मिल सकती है।
2.दुती चंद-
दूसरा नाम ओडिशा की 25 वर्षीय दुती चंद का है। दूती इस बार ओलंपिक में 100 और 200 मीटर की रेस में भाग लेंगी। यह दूती का दूसरा ओलंपिक है। इसी साल जून में पटियाला में आयोजित इंडियन ग्रैन्ड प्रिक्स में उन्होंने नेशनल रिकार्ड तोड़ा। दूती ने 11.17 सेकेंड में ही 100 मीटर की दौड़ पूरी की थी। दूती वर्ल्ड चैम्पियनशिप, वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स, एशियन गेम्स जैसे कई अंतर्राष्ट्रीय इवेंट्स में भाग ले चुकी हैं। इतने अनुभव और प्रतिभा होने के कारण दूती को टोक्यो ओलंपिक में पदक का प्रबल दावेदार माना जा रहा है। दूती को टोक्यो ओलंपिक में यूएस, हॉलैंड और यूके से कड़ी टक्कर मिल सकती है। दूती को पदक जीतने के लिए अपनी दौड़ 11 सेकेंड के भीतर खत्म करनी होगी, जिसको लेकर दूती काफी आश्वस्त हैं।
3.पी वी सिंधु-26 वर्षीय सिंधु टोक्यो ओलंपिक में बैडमिंटन में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी। सिंधु इस बार के टोक्यो ओलंपिक की ‘पोस्टर गर्ल’ हैं। वह गत ओलंपिक की रजत पदक विजेता हैं। पूर्व में विश्व की नंबर दो खिलाड़ी सिंधु, अभी वर्ल्ड रैंकिंग में 7वें स्थान पर हैं। 2019 में वर्ल्ड चैम्पियनशिप में सिंधु ने जापान की नोजोमी को 7-21, 7-21 से हराकर स्वर्ण पदक पर अपना कब्जा किया था। टोक्यो ओलंपिक में बैडमिंटन के ड्रॉ के ग्रुप जे में जगह मिली है। इस ग्रुप में सिंधु के साथ हांगकांग के चेउंग नगन यी और इज़राइल के केसिया पोलिकारपोवा हैं। सिंधु इनके खिलाफ जितने भी मैच खेलें हैं, वो सभी जीती हैं। पिछले ओलंपिक में सिंधु को रजत पदक से ही संतोष करना पड़ा था। इस बार उनकी निगाह स्वर्ण पदक पर है।
4.एमसी मैरी कॉम-
मैरी कॉम का यह आखिरी ओलंपिक होगा। मैरी मुक्केबाजी में पांच बार की विश्व विजेता हैं। 2012 ओलंपिक में उन्होंने कांस्य पदक जीता था। मैरी कॉम राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों में भी स्वर्ण पदक जीत चुकी हैं। इस समय मैरी विश्व रैंकिंग पर तीसरे स्थान पर हैं। इस बार मैरी कॉम ध्वजवाहक बनकर भारतीय दल की अगुवाई भी करेंगी। देश चाहता है कि वह अपने आखिरी ओलंपिक में स्वर्ण पदक लेकर विदा हों। उनका लंबा अनुभव उनकों पदक के करीब पहुंचा सकता है।
5.साइखोम मीराबाई चानू-
26 वर्षीय चानू वेटलिफ्टिंग में क्वालफाइ करने वाली एकमात्र खिलाड़ी हैं। इन्होंने 2018 के राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण और 2014 राष्ट्रमंडल खेलों में रजत पदक जीता था। एशियाई चैम्पियनशिप में चानू ने स्नैच श्रेणी में 86 किलो और क्लीन एंड जर्क श्रेणी में 119 किलोग्राम भार उठाकर वर्ल्ड रिकार्ड बनाया था। 2016 रियो ओलंपिक में क्वालीफ़ाइंग मुकाबले में चानू ने विश्व चैम्पियनशिप विजेता कुंजारानी देवी के 12 साल पुराने नेशनल रिकार्ड को ध्वस्त किया था। हालांकि इस ओलंपिक में उन्हें कोरिया से कड़ी टक्कर मिलने की उम्मीद है। बचपन से ही लकड़ी के गट्ठर उठानी वाली यह खिलाड़ी ओलंपिक में पदक की प्रबल दावेदारों में से एक मानी जा रही हैं।
6.नीरज चोपड़ा-
नीरज चोपड़ा इस ओलंपिक में जेवलिन थ्रो में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। नीरज का यह पहला ओलंपिक है। उन्होंने इंडियन ग्रांड प्रिक्स में 88.07 मीटर तक भाला फेंक कर नेशनल रिकॉर्ड बनाया था। नीरज के पास पहली ही बार में पदक जीतने का सुनहरा मौका है क्योंकि गत ओलंपिक विजेता जर्मनी के थॉमस इस बार चोटिल होने के कारण ओलंपिक में भाग नहीं ले पाएंगे। इस समय नीरज विश्व रैंकिंग में चौथे स्थान पर हैं। नीरज का अब तक सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन फिनलैंड में किया था। जहां उन्होंने 86.79 मीटर फेंक कर तीसरा स्थान प्राप्त किया। नीरज राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों में भी स्वर्ण पदक जीत चुके हैं। उनके कोच का मानना है कि नीरज 90 मीटर तक भाला फेंक सकते हैं। अगर नीरज 87-89 मीटर तक भाला फेंकने में सफल रहे तो वह पदक जीत सकते हैं।
7.बजरंग पुनिया-
बजरंग कुश्ती में 65 किलोग्राम भार में दूसरे पहलवानों को चुनौती देंगे। इससे पहले सुशील पहलवान और योगेश्वर ओलंपिक में पदक जीत चुके हैं। बजरंग से उम्मीद है कि वह उनकी विरासत को आगे लेकर जाएं। टोक्यो ओलंपिक में बजरंग धमाल मचा सकते हैं। भले ही वह पहली बार ओलंपिक में जा रहे हो लेकिन इससे पहले वह कई अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक जीत चुके हैं। बजरंग ने एक साल में 12 अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लिया जिसमें से वह 11 प्रतियोगिताओं में पदक जीते। इस जीत में सात स्वर्ण पदक शामिल हैं। बजरंग विश्व में दो पदक जीतने वाले अकेले भारतीय हैं। इस बार बजरंग के सामने सबसे बड़ी चुनौती पहलवान राशिदोव से है।
8.मनु भाकर-
19 वर्षीय मनु भाकर 10 मीटर और 25 मीटर एयर पिस्टल में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी। इससे पहले मनु 2018 राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीत चुकी हैं। 2018 आईएसएसएफ विश्व कप में तीन स्वर्ण और 2019 आईएसएसएफ विश्व कप में दो स्वर्ण पदक जीतने वाली सबसे युवा भारतीय थीं। उन्होंने 2018 यूथ ओलंपिक में भी स्वर्ण पदक जीता था। मनु इस बार टोक्यो ओलंपिक में पदक की मजबूत दावेदार हैं।
यह वह खिलाड़ी हैं जिनको पूरा भारत देश पदक जीतते हुए देखना चाहता है। हम सबकी यही आशा है कि यह खिलाड़ी, और भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे अन्य खिलाड़ी भी भारत को गौरवान्वित करने के अपने सपने को साकार कर सकें और अपने अच्छे प्रदर्शन से देश के नाम कई पदक जीत सकें।