क्यों मनाया जाता है घल्लूघारा दिवस? 6 जून को ऐसा क्या हुआ था पंजाब में? पुलिस ने किए हैं कड़े इंतजाम।
घल्लूघारा दिवस के चलते अमृतसर में तनाव की स्थिति है और कोई अप्रिय घटना न घट जाए इसके लिए सुरक्षा इंतजाम पुख्ता किए जा रहे हैं। सिख संगठनों की तरफ से 6 जून को अमृतसर बंद का ऐलान भी किया गया है।
6 जून 2022 को सिख संगठन घल्लूघारा दिवस मनाएगा। घल्लूघारा दिवस के चलते अमृतसर में तनाव की स्थिति बनी हुई है। घल्लूघारा दिवस ऑपरेशन ब्लू स्टार की बरसी है। बात तब की है जब 1984 में खालिस्तानी आतंकवादी स्वर्ण मंदिर में घुसे गए थे और पंजाब में गृह युद्ध जैसे हालात बन चुके थे और 5 जून 1984 को पंजाब के स्वर्ण मंदिर में भारतीय सेना दाखिल हुई थी। जिसके बाद स्वर्ण मंदिर जंग का मैदान बन गया था, जिससे सिख समाज बहुत दुखी हुआ था।
घल्लूघारा का मतलब
घल्लूघारा एक पंजाबी शब्द है जिसका मतलब है बड़े पैमाने पर नरसंहार(massacre) और इसका प्रयोग विशेष रूप से सिखों के साथ क्या हुआ, इसके संबंध में किया जाता है।
मुख्यमंत्री पहुंचे अमृतसर
ऑपरेशन ब्लू स्टार की बरसी से 1 दिन पहले पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने अमृतसर में श्री दरबार साहिब में मत्था टेका और अमृतसर दौरे पर शहर के हालात और सुरक्षा प्रबंधन का जायजा लिया, भगवंत मान ने श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह के साथ डेढ़ घंटा बंद कमरे में मीटिंग की है।
6 जून को अमृतसर बंद का ऐलान
घल्लूघारा दिवस के चलते अमृतसर में तनाव की स्थिति है और कोई अप्रिय घटना न घट जाए इसके लिए सुरक्षा इंतजाम पुख्ता किए जा रहे हैं। सिख संगठनों की तरफ से 6 जून को अमृतसर बंद का ऐलान भी किया गया है। वहीं संगठन के कार्यकर्ताओं ने दुकानदारों और व्यापारियों को 6 जून को अपने कारोबार बंद रखने का संदेश दिया है और पोस्टर बांटकर बंद रखने की अपील की है।
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने जताई सुरक्षा को लेकर चिंता
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब को सीमा पार से गंभीर सुरक्षा खतरों का सामना करना पड़ रहा है। अब तक आप सरकार ने खासकर पार्टी के प्रमुख और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने लगातार सुरक्षा को लेकर हर चीज़ से इनकार किया है। अब लगता है कि उन्हें खतरे की तीव्रता का अहसास हो गया है और उन्होंने केंद्र से अतिरिक्त बलों के लिए अनुरोध किया है।
छोटा और वड्डा घल्लूघारा
छोटा घल्लूघारा मुगल साम्राज्य द्वारा 1746 में तत्कालीन पंजाब राज्य में रहने वाली सिख आबादी के एक महत्वपूर्ण अनुपात का नरसंहार था। मूगल सेना ने इन हमलों में अनुमानित 7000 सिखों को मार डाला था। वड्डा घल्लूघारा पंजाब क्षेत्र में अफगान सेना द्वारा निहत्थे सिखों की सहमति सामूहिक हत्या है और एक अनुमान के अनुसार इस दौरान 10,000 से 20,000 सिख मारे गए थे।