हर वर्ष 29 अक्टूबर को मनाया जाता है स्ट्रोक डे, जाने क्या है मनाने का कारण
प्रत्येक वर्ष 29 अक्टूबर को वर्ल्ड स्ट्रोक डे मनाया जाता है। इसका उद्देश्य लोगों के मध्य इस बीमारी के प्रति जागरुकता फैलाना है और सही समय पर इलाज के लिए प्रेरित करना है। स्ट्रोक का एक कारण मोबाइल भी है, जिसने युवाओं में इसकी संभावना को बढ़ा दिया है।
प्रत्येक वर्ष 29 अक्टूबर को वर्ल्ड स्ट्रोक डे मनाया जाता है। वर्तमान समय में ऐसी बहुत-सी बीमारियों से युवा भी ग्रस्त होने लगे हैं जो पहले युवाओं में काफी कम हुआ करती थी किंतु अब युवाओं में इनकी संभावनाएँ बढ़ गई हैं। अब स्ट्रोक का खतरा युवाओं में भी बढ़ने लगा है। इसका एक कारण मोबाइल का ज्यादा उपयोग है। आज सब कुछ डिजीटल हो जाने के कारण तथा सोशल मीडिया पर पूरे दिन एक्टिव रहने के कारण मोबाइल दिमाग को प्रभावित करता है। जिससे स्ट्रोक का खतरा बढ़ता है।
जेपी अस्पताल के न्यूरोलॉजी डिपार्टमेन्ट के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. मनीष गुप्ता कहते हैं कि जब मानव कोई कार्य करता है और उसे करने से उसे आनंद की प्राप्ति होती है तो हमारे मस्तिष्क में डोपामाइन नामक एक केमिकल तत्व होता है जिसका स्तर मोबाइल के ज्यादा उपयोग से बढ़ने लगता है। इसका बढ़ता स्तर मस्तिष्क के लिए हानिकारक होता है। विशेषज्ञों की माने तो हर रोज 2 घण्टे लगातार अपना वक्त मोबाइल पर बिताना स्ट्रोक के खतरे को बढ़ा देता है। इसी कारण से स्ट्रोक का खतरा युवाओं में बढ़ रहा है।
वर्ल्ड स्ट्रोक डे मनाने का उद्देश्य:
इसे मनाने का मूल उद्देश्य जनमानस को इस बीमारी से अवगत कराना है और इसके सही समय पर इलाज के लिए प्रेरित करना है।
स्ट्रोक अर्थात लकवा मारना जिसमें व्यक्ति के शरीर के कुछ अंग काम करना बंद कर देते हैं, इसका मूल मस्तिष्क है। यह बीमारी उस वक्त व्यक्ति को जकड़ लेती है जब मस्तिष्क में रक्त सही ढंग से नहीं पहुँचता है या उसके प्रवाह में रुकावट आ जाती है। इस कारण से मस्तिष्क की कोशिकाएँ मरने लगती हैं क्योंकि उन्हें रक्त द्वारा जो पोषण और ऑक्सीजन मिलता है वह नहीं मिल पाता। इस अवस्था में व्यक्ति के हाथ-पैरों में जान नहीं रहती, उसकी जुबान लड़खड़ाने लगती है, मुँह भी तिरछा हो जाता है, न बोल पाने की स्थिति भी पैदा हो जाती है।
स्ट्रोक से बचने के सामान्य उपाय:
1.अपना रक्तचाप यानि ब्लड प्रेशर नियंत्रित रखें, नियमित रूप से इसकी जाँच करवाते रहें।
2.मधुमेह रोगियों को अपना खास ख्याल रखना चाहिए क्योंकि मधुमेह के कारण ब्लड शुगर बढ़ने के कारण मस्तिष्क की कोशिकाएं पहले से ही कमजोर होती हैं व ऐसी स्थिति में स्ट्रोक का होना जानलेवा हो सकता है। ऐसे में अपने शुगर को नियंत्रित रखें।
3.तली-भुनी चीजों का सेवन ज्यादा न करें।
4.कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखे। बैड कोलेस्ट्रॉल भी रक्त वाहिकाओं को ब्लॉक कर देता है जिससे रक्त मस्तिष्क तक नहीं पहुँच पाता और स्ट्रोर्क की संभावना हो सकती है।
5.पौष्टिक भोजन का सेवन करें। हरी पत्तेदार सब्जियाँ खाएँ
6.वर्कआउट करें।
वर्ल्ड स्ट्रोक कैंपेन की एक रिर्पोट के अनुसार यह बात सामने आई है कि हर वर्ष तकरीबन डेढ़ करोड़ लोग इससे पीड़ित होते हैं। इन्हीं में से लगभग 55 लाख रोगी इसके कारण अपनी जान गवां देते हैं। यह बात चौंकाने वाली है कि अब तक तकरीबन 8 करोड़ लोगों में इस बीमारी की पुष्टि हो चुकी है।