Semiconductor: जानिए क्या है सेमीकंडक्टर जिसकी कमी से मचा हुआ है दुनियां में हंगामा, भारत सरकार 76000 करोड़ इंसेंटिव देने की तैयारी में
सेमीकंडक्टर की कमी केवल कंपनियों के लिए ही नहीं बल्कि सरकार के लिए भी बड़ी समस्या बन गई है। जिसकी वज़ह से भारत सरकार लगभग 76000 करोड़ रुपए की इंसेंटिव योजना की तैयारी कर रही है, जल्द ही इस योजना पर कैबिनेट से मंजूरी भी मिल जाएगी।
आज के डिजिटल समय में हम चारों तरफ से इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से घिरे हुए हैं। चाहे वह हमारे कपड़े साफ करने वाली वाशिंग मशीन हो या मनोरंजन के लिए टीवी व स्मार्टफोन या यातायात के लिए कार हो। अगर इन इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसों में कोई समस्या उत्पन्न होती है, तो उसका असर हमारी आर्थिक स्थिति पर भी पड़ता है। फिलहाल हमारे देश में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में सेमीकंडक्टर चिप की कमी हो रही है। जिसे हम सरल भाषा में इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का दिमाग भी बोल सकते हैं। जिसके बिना ये सब उपकरण एक डिब्बे की तरह हो जातें हैं। रिपोर्ट की मानें तो अपने देश में सेमीकंडक्टर चिप की कमी के कारण वाहनों की बिक्री में 19% तक की गिरावट देखने को मिली है। पिछले कुछ महीनों में वाहनों की थोक बिक्री 215626 इकाई थी। जो नवंबर 2020 की 264898 इकाई से 19% कम रही है।
सेमीकंडक्टर चिप बनाने में कमी का कारण
सेमीकंडक्टर चिप बनाने के लिए जिस कच्चे माल की आवश्यकता होती है उसे जापान और मेक्सिको पूरा करता है। उसके बाद कच्चे माल से चीन, अमेरिका तथा तमाम देश इस चिप को बनाते हैं। लेकिन कोरोना के समय यह काम धीमा हो गया। जिस कारण विश्व स्तर पर चिप शॉर्टेज की समस्या देखने को मिल रही है। कोरोना के कारण लोग घर पर ही रह कर ऑफिस का काम कर रहे हैं, जिससे बाजार में स्मार्टफोन, लैपटॉप और बहुत सी इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की मांग काफी बढ़ गई है। लेकिन चिप और सेमीकंडक्टर की कमी होने के कारण ग्राहकों को इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और कार की डिलीवरी में भी देरी हो रही है। साथ ही साथ ऑटो और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बनाने वाली कंपनियों को भी भारी नुकसान हो रहा है।
सेमीकंडक्टर चिप क्या होती है?
सेमीकंडक्टर को हम सरल भाषा मे कहें तो यह इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का दिमाग होता है। लैपटॉप, कंप्यूटर, वाशिंग मशीन, एटीएम, स्मार्टफोन और अस्पतालों में उपयोग होने वाली एडवांस मशीनों में भी सेमीकंडक्टर चिप काम करती है। यह चिप एक दिमाग की तरह इन सब को ऑपरेट करती है। उदाहरण के लिए कार में जब हम सीट बेल्ट लगाना भूल जाते हैं, तो कार हमें इस बारे में बार-बार चेतावनी देती है। यह सब सेमीकंडक्टर चिप की सहायता से ही होता है। जो उस कार को यह करने के लिए आदेश देता है। इस चिप का सबसे ज्यादा उपयोग इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज, गैजेट्स, होम एप्लायंसेज और ऑटोमेटिक उपकरणों को बनाने में होता है।
चिप संकट को दूर करने के लिए सरकार की पहल
भारत देश की जीडीपी में अगर ऑटोमोबाइल सेक्टर की हिस्सेदारी की बात करें तो वह 7 फीसदी से भी ज्यादा है। सेमीकंडक्टर की कमी केवल कंपनियों के लिए ही नहीं बल्कि सरकार के लिए भी बड़ी समस्या बन गई है। जिसकी वज़ह से भारत सरकार लगभग 76000 करोड रुपए की इंसेंटिव योजना की तैयारी कर रही है, जल्द ही इस योजना पर कैबिनेट से मंजूरी भी मिल जाएगी। विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार द्वारा चिप मैन्युफैक्चरिंग प्रोत्साहन योजना से लगभग 1.7 लाख करोड़ रुपए के निवेश को आमंत्रित किया जा सकता है। सरकार की इस योजना से इंटेल, मीडियाटेक, क्वालकॉम जैसी प्रमुख सेमीकंडक्टर चिप बनाने वाली कंपनियां भी भारत की तरफ आकर्षित होंगी। जिससे देश में रोजगार बढ़ने की संभावना भी जताई जा रही है।